Basic Numerology

न्यूमरोलॉजी (Numerology) एक बहुत पुरानी प्रैक्टिस है, जिसका सालों से पूरी दुनिया में अभ्यास किया जाता रहा है. अपनी जन्म तिथि और नाम के आधार पर एक सरल गणित बनाकर आप अपने और दूसरों के वर्तमान और भविष्य के बारे में जान सकते हैं।
Hindi Beginner Sequential Course Certificate Course

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34 Modules • 34 Lectures
Total Length : 02:31:34

Last Updated : 23 Feb 2024 01:37 PM | Created by : Yeash Shah
Basic Numerology by Yeash Shah

Course outcome

ज्योतिषशास्त्र की तरह अंक ज्योतिष से भी जातक के भविष्य, स्वभाव और व्यक्तित्व का पता लगता है। जिस तरह हर नाम के अनुसार राशि होती है उसी तरह हर नंबर के अनुसार अंक ज्योतिष में नंबर होते हैं। अंकशास्त्र के अनुसार,मूलांक के जरिए किसी व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है।

Curriculum

34 Modules • 34 Lectures • Total Length : 02:31:34
Introduction About Numerologist 1 Lectures • 00:02:38

This course Includes

  • Duration : 02:31:34
  • Certificate of Completion

Advice from trainer

यह एक उपयोगी, व्यावहारिक अभ्यास का एकदम सही परिचय है जिसे अब आपके जीवन के अनुकूल प्रारूप में👍 प्रस्तुत किया गया है। केवल 21 दिनों में अपने आंतरिक स्व और उद्देश्य को जानने के लिए अंकज्योतिष का उपयोग करे।

खुले मन के साथ इस विद्या को सीखे।

नियमित इसका अभ्यास करें।

अपने और दूसरों की मदद करे।

Description

अंक शास्त्र प्राचीन समय से चली आ रही एक विद्या है जिसके द्वारा अंकों की गणना कर भविष्य का पहले हीं पता लगाया जा सकता है। अंक शास्त्र को अंक विज्ञान और अंक ज्योतिष के नाम से भी जानते हैं। यह ज्योतिष शास्त्र जैसा ही पुराना और सही विज्ञान है। अगर देखा जाए तो अंक शास्त्र और ज्योतिष एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसे ही हस्तरेखा विज्ञान और अंक शास्त्र एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। भविष्य से जुड़ी किसी भी तरह की गणना करने के लिए पिछले कई सालों से अंक ज्योतिष ज्ञान का उपयोग किया जाता रहा है।

अंकशास्त्र को अंको का विज्ञान कहा जाता है। अगर देखा जाए तो हमारे सारे कार्य अंक के आधार पर हीं सम्पन्न होते हैं। वर्ष, महीना, तिथि, घण्टा, मिनट तथा सेकंड आदि जैसी जरूरत की चीज़ों को व्यक्त करने का माध्यम अंक ही है। कई बार ऐसा होता है जब किसी एक तिथि, दिन या माह में घटी घटना कुछ समय पश्चात् उसी तिथि, दिन, माह पर दोबारा घटित हो जाती हैं। यहाँ तक कि दोनों घटनाओं का समय और उन अंकों का योग भी पूरी तरह से एक ही होता है। उस घटना से जुड़े लोग, उनका नाम और नामांक भी एक हीं होता है। इसी तरह के अनुभव की वजह से हम अंक को शास्त्र , ज्योतिष और विज्ञान से जोड़ने लगते हैं।

अंक शास्त्र का इतिहास

अंक शास्त्र के बारे में विद्वानों का मानना है कि अंक शास्त्र की शुरुआत संस्कृत मूलाक्षरों से हुई है। अंक ज्योतिष विज्ञान प्राचीन वैदिक लोगों का विषय रहा है। इजिप्ट की जिप्सी जनजाति ने भी इस विद्या को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। रिसर्च के अनुसार यह पता चलता है कि अंक शास्त्र का इतिहास 10,000 पूर्व से भी पहले का रहा होगा, लेकिन इसकी कोई सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। हम सभी जानते हैं कि हमारा कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है तो ज़ाहिर सी बात है कि अंक विज्ञान की शुरुआत काफी प्राचीन रही होगी।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंक विज्ञान

आधुनिक अंक ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के नाम को अंग्रेजी में लिखकर प्रत्येक अक्षर की गणना करके किसी भी नाम का नामांक प्राप्त किया जाता है। जन्म की तारीख, माह और वर्ष के अंकों को जोड़ कर भाग्यांक प्राप्त किया जाता है और जिसके बाद किसी भी व्यक्ति की भविष्यवाणी की जाती है


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Yeash Shah

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